समस्तीपुर. भाकपा(माले) के पोलित ब्यूरो सदस्य सह मिथिलांचल प्रभारी धीरेंद्र झा ने नीतीश सरकार पर बिहार पंचायत चुनाव को कोरोना के नाम पर टालने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अध्यादेश के जरीये पंचायती राज व्यवस्था पर अफसरों को बैठाना चाहती। श्री झा आज समस्तीपुर मे पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक संस्था को कमजोर करने मे एनडीए सरकार लगी हुई है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार मे अफसरशाही को बढ़ावा मिला है जो लोकतंत्र विरोधी कदम है। श्री धीरेन्द्र ने कहा कि संवैधानिक संस्था को नीतीश सरकार जान बूझकर कमजोर करने की कोशिश कर रही है।उन्होंने कहा पंचायती राज संस्था पर अफसरशाही हावी रही है।अब कोरोना के नाम पर पंचायत चुनाव रोकने को सरकार अध्यादेश लाना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि नये पुलिस कानून से भी पुलिस को अतिरिक्त शक्ति मिलेगी और इससे बचाखुचा लोकतंत्र एवं संघर्ष भी कमजोर होगा। इसके खिलाफ भाकपा(माले) जन पहलकदमी तेज करेगी।
उन्होंने कहा कि बंगाल एवं केरल की तरह बिहार में भी दलिये आधार पर पंचायत चुनाव कराया जाना चाहिए। इससे राजनीतिक पार्टी की जिम्मेदारी बढ़ेगी और भ्रष्टाचार भी रूकेगा। उन्होंने कहा कि जब बंगाल समेत अन्य प्रदेशों मे चुनाव हो रहा है और ट्रेनें भी चलाई जा रही है तो बिहार मे स्कूल, काँलेज,कोचिंग बंद क्यों है। नीतीश सरकार अपने दोमुहा नीति से बाज आए अन्यथा भाकपा माले आंदोलन करेगीमधुबनी मे पाँच लोगों की हुई हत्याकांड की चर्चा करते हुए माले नेता श्री झा ने आरोप लगाया कि सरकार आरोपियों को संरक्षण दे रही है।उन्होंने इस हत्याकांड के तमाम आरोपियों को अविलंब गिरफ्तार कर स्पीडी ट्रायल चलाकर सजा देने की मांग की है।
श्री धीरेंद्र ने कहा कि बिहार मे नीतीश सरकार की शराबबंदी कानून पूरी तरह फैल हो चुकी है और पुलिस के संरक्षण में शराब की होम डिलीवरी हो रही है। जिसका ताजा उदाहरण नवादा शराब कांड है। इस अवसर पर भाकपा माले के जिला सचिव प्रो० उमेश कुमार, इंनौस के जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र प्रसाद सिंह,माले के वरिष्ठ नेता महावीर पोद्दार एवं जीबछ पासवान भी उपस्थित थे।