डेहरी-ऑन-सोन. डेहरी के एनिकट में सामाजिक सुधारक ज्योतिबा फुले की जयंती कार्यक्रम का आयोजन रविवार को किया गया. इस दौरान महाराष्ट्र में जन्मे फुले के समाज को नई धारा देने और दलित, पिछड़े और महिलाओं के विकास के लिए किए कार्य को याद किया गया. वक्ताओं ने कहा कि समाज में शिक्षा की अलख जगाने वाले ज्योतिबा फुले ने अन्याय के खिलाफ कार्य करने की सबको प्रेरणा दी. कोरोना गाइडलाइन्स के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अतिथि और वक्तागण मौजूद थे. इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता विनय चंचल ने कहा कि 19वीं सदी के एक महान समाज सुधारक, विचारक, समाज सेवी, लेखक, दार्शनिक फुले थे। उन्होंने ने गरीब, पिछड़े, दलित एवं शोषित वर्ग के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। रेलकर्मी बीरेन्द्र पासवान ने कहा कि ज्योतिबा फूले उन्नीसवीं सदी की एक महान ज्योति थे। जिनकी वजह से समाज का पीड़ित तबका आज मान सम्मान के साथ देश के हर वर्ग के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है.
कार्यक्रम में बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के महामंत्री जनार्दन पासवान और एससी-एसटी कर्मचारी संघ डेहरी के अध्यक्ष शशि कुमार ने कहा कि पुणे में जन्म लेने वाले ने मराठी में अपनी पढ़ाई शुरू की. बाधाओं के आने के बावजूद उन्होंने इसके लिए प्रयास शुरू किया. सावित्री बाई से शादी करने के बाद दोनों ने दलितो और महिलाओं के शिक्षा के लिए कार्य शुरू किया. वे दोनों जाति आधारित विभाजन और भेदभाव के खिलाफ थे. उन्होंने हमेशा इसकी खिलाफत की. बीजेपी नेता संजय पासवान ने कहा कि समाज में स्त्रियों की विपरित स्थिति सुधारने के लिए उन्होंने देश का पहला स्कूल खोला. जिसमें लड़कियों को और उनकी शिक्षा के लिए ज्योतिबा ने 1848 में एक स्कूल खोला। यह इस काम के लिए देश में पहला विद्यालय था। कार्यक्रम को अरुण रावत,लल्लू चौधरी ,जयप्रकाश पासवान, पूर्णवासी राम, संजयच॔द्रवंशी,काश्मीर पासवान,सुजीत कुमार, जय शंकर पासवान,अजय पासवान,मुना पासवान सहित कई प्रमुख लोगों ने सम्बोधित किया। इस दौरान भारत रत्न डॉ भीम राव अम्बेडकर की 131वी जयंती भी 14 अप्रैल को डेहरी के एनीकाट न्यूट्रीशन सेन्टर टालवास में सादगीपूर्ण ढंग से कोविड 19के संदर्भ में बिहार सरकार के गाइड लाइन को ध्यान में रखते हुए मनाने का फैसला किया ।