डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)। शैक्षणिक संस्थान बंद औऱ लॉकडाउन बढ़ने के आसार के बीच स्कूल प्रबंधक अपनी समस्या को किसी को भी बताने गुरेज कर रहे हैं। पिछले दिनों 11 किलोमीटर दूर तक पैदल शांति मार्च करने वाले सभी संचालक एक साल के नुकसान की भरपाई नहीं कर पाए। उन्हें अब इस बात की चिंता सता रही है कि इस साल भी उनके और उनपर आश्रित लोगों की स्थिति क्या होगी। सकारात्मक तरीके से नए सेशन को चलाने की तैयारी करने वाले संचालक हर बार राज्य सरकार से मदद की बाट जोहते नजर आते हैं। लेकिन नतीजा सिफर नजर आ रहा है। इस साल भी उन्होंने कई बार सरकार से अपनी समस्याओं को सुलझाने की गुहार लगाई लेकिन किसी का भी ध्यान इसपर नहीं जा सका। प्राइवेट स्कूल एसोसियशन के प्रखंड अध्यक्ष अरविंद भारती ने कहा कि पिछले सात साल से आरटीई के माध्यम से पढ़ने वाले बच्चों के ट्यूशन फीस की राशि का भुगतान राज्य सरकार ने नहीं किया है। उनका कहना है कि इसका भुगतान अगर सरकार कर देती तो डूबते को तिनके का सहारा मिल जाता। इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी से अनुरोध भी किया गया। इस मामले में प्रशासनिक स्तर पर किसी भी प्रकार का एक्शन नहीं लिया गया है। लंबे समय से शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले शैक्षणिक संस्थानों के संचालकों को इस बात का मलाल है कि आर्थिक नुकसान झेलने के बावजूद इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।
प्राइवेट स्कूल और कोचिंग संस्थानों की समस्या पर डेहरी विधायक फते बहादूर सिंह ने विधानसभा में आवाज उठाने की बात कही है। भारती का कहना है कि संगठन ने अपनी समस्या विधायक को सुनाई। जिसके बाद उन्होंने इस मामले में विधानसभा में सवाल करने का वादा किया है। विधायक ने कहा है कि वे अपने स्तर से इस मामले में सहयोग करेंगे।