डिजिटल टीम, नई दिल्ली। देश को कोरोना महामारी के इस दौर में बड़े संकट में डाल दिया है। इस कारण लोग काफी परेशान हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग बार बार मदद की अपील करते नजर आ रहे हैं। कई बार लोगों को भटकना भी पड़ रहा है। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो बिना किसी नाम या ख्याति की अपेक्षा करते हुए दिन रात फेसबुक और व्हाट्सअप के माध्यम से मदद का प्रयास कर रहे हैं। देश के एक बड़ी कंपनी में बतौर पब्लिक रिलेशन ऑफिसर काम करने वाले निशांत वर्मा लगातार फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सअप ग्रुप पर एक्टिव हैं। वे लोगों को जरूरी मदद करने का प्रयास कर रहे हैं। वर्मा व्हाट्सअप पर आईआईएमसी के पूर्ववर्ती छात्रों का एक ग्रुप भी चलाते हैं। जिसके माध्यम से पिछले 10 दिनों के अंदर लगभग 300 लोगों तक प्लाज्मा, ऑक्सीजन, ब्लड और ऐंबुलेंस के लिए जरूरी सूचना दिलवाई है। इसके अलावा व्यक्तिगत तौर पर मदद भी की है। निशांत ने बताया कि उन्होंने खुद की पहल से कई लोगों को हर दूसरे दिन खाना खिला रहे हैं। इसके अलावा जरुरत मंदों को घर वापस जाने के लिए टिकट कटवाने में भी मदद की है। उन्होंने कहा कि इस तरह के काम के लिए उन्होंने किसी भी तरह नाम या ख्याति की कामना नहीं की।
दिल्ली की हिमानी गुप्ता का कहना है कि ये दौर मानवता के लिए संकट का है। हिमानी का मानना है कि इससे बाहर निकलने के लिए हम सभी को एक दूसरे का साथ देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि वे खुद अपने दोस्तों के साथ मिलकर लोगों की मदद का प्रयास कर रही हैं। हिमानी ने बताया कि सोशल मीडिया पर अगर कोई भी इसकी गुहार लगाता है तो वे उसे पहले कंफर्म करती हैं। उसके बाद जरुरी जगह तक उन्हें पहुंचाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सोशल मीडिया टूल्स के अलावा अपने परिचितों से संपर्क कर जरुरत मंद लोगों तक मदद का प्रयास किया जा रहा है। हिमानी ने कहा कि इस तरह के प्रयास की सराहना की आशा हमें किसी से भी नहीं करनी चाहिए। लेकिन यह प्रयास जरूरतमंदों की मदद के लिए प्रेरणा बने। इसकी आशा रखनी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान संकट के दौर में सबसे ज्यादा जरूरी है कि लोगों के प्रति एक सहानूभुति का भाव रखा जाए। हमें इसके लिए हर तरह की बाधाओं को दूर करने का प्रयास करना चाहिए।
चाणक्यपुरी इलाके में रहने वाले दीपक नेगी लर्निंग कंसल्टेंट के प्रोफेशन में हैं। उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लेकर कई लोगों तक प्लाज्मा डोनेट करवाने में मदद की। उन्होंने कहा कि जैसे ही इस तरह की कोई भी जानकारी उनतक पहुंचती है वे पेशेंट्स या उनके रिलेटिव्स को फोन कर इसे कंफर्म करते हैं। इसके लिए वे और उनके दोल्त गूगल फॉर्म का सहारा भी लेते हैं। उन्होंने कहा कि जरूरतमंद तक डोनर तक संपर्क कराने के लिए वो दिन रात काम कर रहे हैं। इसके अलावा ऑक्सीजन सिलेंडर, जरूरी दवाईंया और ऐंबुलेंस की सटिक जानकारी मुहैया कराने में मदद कर रहे हैं।
रिसर्चर के तौर पर काम करने वाली चेष्टा गुलाटी ने कहा कि पिछले एक सप्ताह के वो लगातार लोगों की मदद करने के लिए कई ग्रुप्स में एक्टिव हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें जब भी किसी मरीज के प्लाजमा, ब्लड और किसी औऱ भी जरुरत के बारे में जानकारी मिलती है तो वे इसे कंफर्म करने के बाद जरुरी जानकारी उपलब्ध कराती है। वे एक ग्रुप के माध्यम से लगातार इस पर काम कर रही है। वे और उनके साथी दिल्ली के सरकारी और प्राइवेट क्लीनिक में उपलब्ध बेड की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल दिल्ली और पूरे एनसीआर इलाके में लोगों को प्लाज्मा की कमी से सबसे ज्यादा जुझना पड़ रहा है। इसके लिए उनके ग्रुप ने गूगल फॉर्म तैयार कर रखा है। जिसके माध्यम से डोनर को जरुरतमंद तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।