कोरोना संकट का असर डेहरी डालमियानगर इलाके में देखने को मिल रहा है। सड़कों पर लोगों की संख्या काफी कम देखने को मिल रही है। इसके अलावा ज्यादातर घरों से बहुत जरूरी होने पर ही लोग निकल रहे हैं। कोरोना संकट ने सभी के जीवन पर असर डाला है। इसमें पैदल चलने वाले लोगों से लेकर बीमार लोग भी शामिल हैं। कोरोना से नहीं किसी और कारणों से भी। हर दिन लंबी वॉक करने वाले संकट टलने के इंतजार में अपने घरों के बाहर की एक दो चक्कर घूम रहे हैं औऱ अपनी सेहत ठीक ठाक करने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं बीमार लोग हॉस्पिटल के बंद रहने के कारण काफी परेशान हैं। कई डॉक्टरों ने अपने घरों के बाहर पर्ची लगा रखी है। यहां सर्दी, बुखार और खांसी के मरीजों का इलाज नहीं होगा। खैर ऐसे दावों को झूठलाने का काम भी कई डॉक्टर कर रहे हैं। जो मैदान में डटे हुए हैं और पीपीई कीट पहन कर अपना काम जारी रखे हुए हैं। ऐसे कोरोना योद्धाओं के जज्बे को सलाम हैं। शहर के डॉक्टर जेपी सिंह के डॉ नीलम, सावन कुमार निषाद की क्लीनिक के अलावा कई और डॉक्टर जैसे डॉ गंगासागर सिंह, डॉ एसबी प्रसाद, नेत्र चिकित्सक डॉ अभय राय, डॉक्टर अशोक शर्मा अभी भी मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इस कारण डेहरी के अलावा आप पास के जिलो से लोग इलाज के लिए हर दिन बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। डायग्नोस्टिक सेंटर के बाहर ऐंबुलेंस, निजी वाहन औऱ रिक्शे के साथ बड़ी संख्या में लोग जांच के लिए लोग पहुंच रहे हैं। मेडिकल शॉप के बाहर अभी भी वैसे बीमार पहुंच रहे हैं जो बुखार और अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं। जबकि मोटरसाइकिल से चेहरा ढके कई लोग गुजरते दिख रहे हैं जो कोरोना संक्रमित हो सकते हैं।
संक्रमितों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि संभव नहीं
माना जा रहा है कि शहर में ऐसे मरीजों की संख्या करीब 300-400 तक हो सकती है। लेकिन आधिकारिक तौर पर इस संख्या की पुष्टि होना संभव नहीं दिख रहा है। वाकई संकट काफी बड़ा है लेकिन जब अपने शहर में कोविड सेंटर खुलने की खबर सुनने को मिलती है तो ऐसी खबर हृद्य को राहत देने वाली है। जानकारी मिली है कि डालमियानगर मॉडल स्कूल में 50 बेड का इस तरह का सेंटर एक एनजीओ के माध्यम से खुल रहा है जिसके माध्यम से ऐसे मरीजों को ऑक्सीजन, दवा और जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी जो कोरोना संक्रमण से ग्रसित हैं। इस तरह की पहल का जीतना स्वागत किया जाए वो कम होगा।
कोरोना काल में कभी भी बंद नहीं रहा क्लीनिक
डेहरी के कैनाल रोड के रहने वाले नेत्र चिकित्सक डॉ अभय राय का कहना है कि पिछले साल से अभी तक पूरे संकट के दौरान उनकी क्लीनिक हमेशा खुली रही. इस दौरान गरीब मरीजों का मुफ्त में भी इलाज किया गया. उन्होंने कहा कि आंख और गले की समस्या मरीजों की विकट परिस्थिति उत्पन्न कर सकती है. इसलिए उन्होंने परिजनों की सलाह की परवाह नहीं करते हुए क्लीनिक में मरीजों को देखने का काम एक दिन भी नहीं रोका. उन्होंने कहा कि मानवता के लिए यह संकट का दौर है और इस परिस्थिति में कोरोना योद्धाओं को हमेशा लोगों की सेवा के लिए तत्पर रहना चाहिए.
”डरना विकल्प नहीं, सतर्कता है जरूरी”
डेहरी प्रेस क्लब के अध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि एक दूसरे के सहयोग से ही इस महामारी को हराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी बीमारी से डरने से बेहतर होगा कि सतर्कता बरती जाए। अगर किसी भी तरह की समस्या होती है तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर उनकी सलाह को मानना बेहतर होगा। पूर्व विधायक सत्यनारायण सिंह ने कहा कि संकट के इस दौर में वे खुद की पहल के लोगों को मदद का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने आम लोगों से मास्क पहने बिना घर से नहीं निकलने की अपील की है। इसके अलावा जहां तक संभव हो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को कहा।