सासाराम. व्यवहार न्यायालय के निकट कांग्रेस नेता कन्हैया सिंह नोटरी की अध्यक्षता में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री छोटे साहब बाबू सत्येंद्र नारायण सिन्हा की जयंती सादगी एवं श्रद्धा के साथ मनाई गई. सबसे पहले उनके तैलचित्र पर माल्यार्पण किया गया। उसके बाद उनके महान व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया। कन्हैया सिंह नोटरी ने अपने संबोधन में कहा कि सत्येंद्र बाबू बिहार के विकास में अग्रणी भूमिका निभाए थे।
नवीनगर में सुपर थर्मल पावर परियोजना की सिफारिश, मगध विश्वविद्यालय की स्थापना, पटना को देश भर में गौरव और अलग पहचान दिलाने के लिए ऐतिहासिक तारामंडल की आधारशिला एवं उतरी कोयल परियोजना नहर का शिलान्यास किए थे। युवाओं और छात्रों को राजनीति में आने के लिए मोटिवेट किया। जिनके प्रोत्साहन पर आपातकाल आंदोलन से हमारे बिहार से अन्य नेता निकले। वे देश में अपने सैद्धांतिक राजनीति के लिए चर्चित तथा बहुत ही ईमानदार एवं आदर्शवादी नेता थे। देश की आजादी में पंडित जवाहरलाल नेहरु, महात्मा गांधी के साथ अहम भूमिका निभाए थे। वह अपने राजनीतिक जीवन में कितने पदों पर रहते हुए भी बहुत ही ईमानदारी से अपने पद का निर्वाहन किए थे।
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उन्हीं के सुपुत्र निखिल कुमार जी अभी बिहार कांग्रेस के सबसे दिग्गज नेता हैं जो औरंगाबाद से सांसद, केरल एवं नागालैंड के राज्यपाल रह चुके हैं। इनका पूरा परिवार अभी तक काँग्रेस में ही समर्पित रहा है। इनके बिहार के विकास के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।
जयंती के अवसर पर कन्हैया सिंह नोटरी कांग्रेस नेता, लोकेश तिवारी, रमेश कुमार पांडेय, बद्री नारायण चौबे, प्रभात कुमार सिंह, धनंजय मेहता, डॉ जावेद अख्तर, राधा प्रसाद सिंह, मनोज कुमार सिंह, शैलेंद्र नाथ ओझा, सगीर अहमद, रामनाथ चौबे, अली हुसैन ईद्रीसी, राधा कृष्ण पांडेय, श्रीश त्रिवेदी, दिलवास अंसारी, विनोद राय, राजेश्वर कुशवाहा,सुमंत सिंह, कामता राय, उमाशंकर गुप्ता, जलेश्वर दुबे सहित कई अन्य मौजूद थे।