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शहर में हो रही अवैध ड्रग्स की बिक्री
पुलिस को इसकी अबतक नहीं कोई भनक
बिक्रमगंज (रोहतास) बिहार में अभी शराबबंदी पूर्ण रूप से सफल भी नही नजर आ रही कि नशा के तस्कर अब ड्रग्स की जाल बिछा चुके है। जिस ड्रग्स जाल में शहर से गांव तक के युवा पीढ़ी फंसते जा रहे हैं। जो उनके जीवन को एक गर्त में ले जाने का काम कर रहा है। यह धंधेबाज ड्रग्स को प्रतिदिन चोरी छिपे बिक्रमगंज प्रखंड के शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में एक गुप्त जगह पर कागज की पुड़िया बना उसे 2 सौ रुपये से लेकर हजार रुपये तक बेचते है। जिस ड्रग्स को खरीदने वाले लगभग युवा पीढ़ी के लड़के होते है। कहा जाता है कि जिसे ड्रग्स नशे की लत लग जाती है, उस इंसान के अंदर इसको लेकर बेचैनी ज्यादा बढ़ जाती है। जिसका वह प्रतिदिन का आदि बन जाता है। जिस नशा को करने के लिए वह पैसे के अभाव में अपने घर की संपत्ति तक बेचने को विवस हो जाता है।
इससे नुकसान– इसके सेवन करने से इंसान की दिल की स्थिति असामान्य हृदय गति से लेकर दिल के दौरे और ढह गई नसों और इंजेक्शन वाली दवाओं से रक्त वाहिका संक्रमण तक होती है। साथ ही साथ मतली और पेट में दर्द के साथ भूख में बदलाव और वजन कम आने लगती है।
शरुआती प्रभाव — जब कोई व्यक्ति ड्रग लेना शुरू करता है तो शुरू में वह इसके नशे को काफी इन्ज्वॉय करता है, लेकिन धीरे-धीरे वह इसका इस कदर आदि हो जाता है कि उसे ड्रग या मौत में से एक को चुनना पड़ता है। यानि कि जीते जी ड्रग एडिक्टिड अपनी आदत को छोड़ नहीं पाता और किसी तरह छोड़ भी दे तो उसकी मौत हो सकती है।
कानूनी कार्रवाई– ड्रग्स के केस में एनडीपीएस एक्ट 1985 के तहत अलग-अलग सजा के प्रावधान हैं। इसमें धारा 15 के तहत एक साल, धारा 24 के तहत 10 की सजा व एक लाख से दो लाख रुपए तक का जुर्माना और धारा 31ए के तहत मृत्युदंड तक का प्रावधान है।
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