
सीएम नीतीश पहुंचे सासाराम लेकिन वादा रहा कोरा
पहाड़ी इलाके के लोगों को अभी भी है आस, बदलेगी इलाके की नियति
विनय कुमार पाठक (संपादक)
साल 2018 ! बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कैमूर पहाड़ी पर बसे रेहल गांव में चौपाल कार्यक्रम के तहत आगमन हुआ था। इस दौरान उन्होंने वनवासियों से विकास का वादा किया ।इस कार्यक्रम के तीन साल गुजरने के बाद रोहतास के जिला मुख्यालय सासाराम में सीएम नीतीश कुमार एक सामाजिक सुधार कार्यक्रम के नाम पर पहुंचे हुए थे ।इस दौरान उन्होंने समाज को बदलने की बात कही। विकास की बात की। अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को करारा जवाब दिया ।लेकिन इसी जिले के पहाड़ी के तराई में यूपी सीमा पर बसे डूमर खोहा गांव में रहने वाले लोगो को जंगली जानवरों की आवाज रात की सन्नाटे को चीरती हुई दिल दहला देती है।मतलब साफ है जंगल पहाड़ में बसे गांव मे रहने वाले को रात में भय सताता है।

इन गांवो में काली स्याह अंधियारा के बीच ‘विकास’ का चंदा मामा टिमटिमाते तारों के बीच शीतल दूधिया चांदनी छिटक रहे है कहने में कोई अतिश्योक्ति नही होगी।सच है कि बिहार सरकार के मुखिया ने इस जमीन पर आकर विकास के सपने का जो तानाबाना गढ़ा वह सपना चलचित्र की तरह पर्दे पर चल रहा है।पूरी तरह पटाक्षेप नही हुआ है।फिलहाल ही रोपवे को लेकर जन सुनवाई हुई।सोन नदी पर बनने वाला पुल का भी महीने में एक बार मध्यांतर दिखा दिया जाता है।और इस चलचित्र का सबसे रोमांटिक दृश्य कधवन जलाशय परियोजना है, जिसका रोमांस अपने शबब पर रहता है।
