
बाबा समाज के हर तबके के सरोकार के लिए जाने जाते हैं. लंबे समय तक उन्होंने सहकारिता की राजनीति की. चुनावी मैदान में कूदने का प्रयास किया. लेकिन लोगों से दूर रहने लगें. एमएलसी और विधानसभा चुनाव की टिकट न मिलने का मलाल रहा. अब इस बार राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की कवायद शुरू की. पंचायती चुनाव में बहु को मैदान में उतारा. समाज परिवार के लोगों के ताने सुनने के बाद इस बार होली में बाबा को लोगों की याद आई. बाबा अपनी जाति के लोगों के बीच पहुंचे. माध्यम व्हाट्सअप मैसेज था. लोगों के बीच चर्चा हुई. आखिर बाबा को अपने समाज परिवार की इतने लंबे समय के बाद क्यों याद आई. बाबा इस बार एक्शन मोड में हैं. पूरे बिहार की राजनीति करने वाले बाबा ईडी के रडार पर रहें और इस बार सहकारिता चुनाव से पहले बीजेपी के दिग्गज नेताओं से भी मुलाकात का सिलसिला जारी है. पिछले दफे बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मीडिया की सुर्खियों में रहे. पटना, सासाराम से लेकर दिल्ली की राजनीतिक गलियारों में उनकी खासी चर्चा रही. कारण दिग्गज आरजेडी नेता के खासमखास बनना था. लेकिन लाख कवायद के बाद भी उनको टिकट न मिलने का मलाल रह गया. रही सही कसरत अपनी बहु को पंचायत प्रतिनिधि बना कर पूरी कर रहे हैं. खैर पत्रकार और आम लोग भी बाबा के मैसेज देखकर हतप्रत हैं.