* राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 885 मामले निबटाये गये बैंको एवं अन्य विभागों के लगभग दस करोड़ रुपयों का हुआ सेटलमेंट
* फरियादियो की सुरक्षा,पेयजल, बैठने एवं चिकित्सा के थे माकूल इंतजाम
सासाराम (रोहतास) राष्ट्रीय लोक अदालत में पक्षकारों की आपसी सहमति से सुलहनीय मामलों के निष्पादन के साथ साथ आपसी वैमनस्य का भी समापन हो जाता है। जिससे समाज में शांति बहाल हो जाती है। राष्ट्रीय लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य अदालतों में दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे छोटे एवं सुलहनीय मामलो का त्वरित निष्पादन कर न्यायालयों के बोझ को कम करना है। जिससे समाज में शांति व्यवस्था बनी रहे। उक्त बातें शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत कार्यक्रम के दौरान जिला जज अरूण कुमार श्रीवास्तव ने कही। जिला मुख्यालय स्थित सासाराम व्यवहार न्यायालय में शनिवार को सुबह दस बजे जिला जज अरूण कुमार श्रीवास्तव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव छेदी राम, अपर समाहर्ता चेतनारायण राय एवं डीएसपी राजेश कुमार, रोहतास जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष कन्हैया पाण्डेय, रोहतास बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विनी सिन्हा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया। इस मौके पर सभी न्यायिक पदाधिकारी, न्यायालयकर्मी, अधिवक्ता ,मीडिया कर्मी, भारतीय मानवाधिकार एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष ई0 नवीन सिन्हा, पारा लीगल वालंटियर सहित सैकड़ो की संख्या में फरियादी मौजूद थे।
राष्ट्रीय लोक अदालत के मद्देनजर फरियादियों के सुविधा हेतु कुल 12 बेंचो का गठन किया गया था। जिनके माध्यम से कुल 885 मामलों का निबटारा किया गया। इस दौरान बैंको एवं अन्य विभागों के लगभग दस करोड़ रूपयों का पक्षकारों से सेटलमेंट किया गया।
लोक अदालत में प्रत्येक बेंच में मुकदमों के निबटारे हेतु एक न्यायिक पदाधिकारी, एक अधिवक्ता एवं फरियादियो की सहुलियत के लिए दो पारा लीगल वालंटियर मौजूद थे। आमदिनों की अपेक्षा शनिवार को कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था भी काफी चुस्त दुरुस्त नजर आई। पक्षकारों की सुविधा का भी बखूबी ध्यान रखा गया था। जगह जगह पर पेयजल, हेल्प डेस्क, बैठने एवं चिकित्सा की भी समुचित व्यवस्था की गई थी।
राष्ट्रीय लोक अदालत हेतु गठित 12 बेंचो के माध्यम से निष्पादित मामलों की सूची -: बेंच संख्या -1 में दावा वाद हेतु एडीजे उन्नीस इन्द्रजीत सिंह एवं अधिवक्ता विश्वजीत कुमार ने निबटाये 20 मामले का निष्पादन किया गया।
बेंच संख्या- 2 में वैवाहिक वाद एवं दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक कोचस, करगहर एवं नोखा के वादो हेतु एडीजे ग्यारह उमाशंकर एवं अधिवक्ता ब्रज नंदन पांडेय ने निबटाये 61 मामले का निष्पादन किया गया।
बेंच संख्या – 3 में पंजाब नेशनल बैंक सभी ब्रांच एवं उत्पाद अधिनियम के मामलों हेतु एडीजे अठारह बृजेश मनी त्रिपाठी एवं अधिवक्ता रौशनी गुप्ता ने निबटाये 170 मामले का निष्पादन किया गया।
बेंच संख्या — 4 सभी सुलहनीय फौजदारी मामले,नाप तौल,वन एवं ग्राम कचहरी के मामलों हेतु एसीजेएम राघवेन्द्र नारायण सिंह एवं अधिवक्ता मधु कुमारी ने निबटाये 01 मामले का निष्पादन किया गया।
बेंच संख्या- 5 में एन आई ऐक्ट,श्रमिक वाद,टेलिफोन एवं सुलहनीय फौजदारी मामलों हेतु एसीजेएम उमेश राय एवं अधिवक्ता बिनोद कुमार गोंड ने निबटाये 14 मामले का निष्पादन किया गया।
बेंच संख्या -6 में सुलहनीय फौजदारी मामले एवं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सभी ब्रांचो हेतु एसीजेएम विपिन लावनियाँ एवं अधिवक्ता गोपाल ठाकुर ने निबटाये 50 मामले का निष्पादन किया गया।
बेंच संख्या- 7 में सीजेएम डिवीजन के सभी सुलहनीय फौजदारी मामले हेतु एसीजेएम रामचंद्र प्रसाद एवं अधिवक्ता कन्हैया राम ने निबटाये 13 मामले का निष्पादन किया गया।
बेंच संख्या-8 दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक शिवसागर, चेनारी एवं सासाराम हेतु मुंसिफ दामोदर कुमार एवं अधिवक्ता ज्योति कुमार ने निबटाये 277 मामले का निष्पादन किया गया।
बेंच संख्या-9 एसडीजेएम एवं मजिस्ट्रेट कोर्ट के सभी सुलहनीय फौजदारी मामलो हेतु जेएम निवेदिता कुमारी एवं अधिवक्ता प्रतिभा पल्लवी ने निबटाये 7 मामले का निष्पादन किया गया।
बेंच संख्या-10 में सभी सुलहनीय फौजदारी मामले एवं अन्य बैंको हेतु जेएम हिमसिखा मिश्रा एवं अधिवक्ता नीतू कुमारी ने निबटाये 113 मामले का निष्पादन किया गया।
बेंच संख्या-11 में सभी सुलहनीय फौजदारी मामलो एवं अन्य बैंको हेतु जेएम रविशंकर पासवान एवं अधिवक्ता सुजीत कुमार सिंह ने निबटाये मामले का निष्पादन किया गया।
बेंच संख्या-12 में पंजाब नेशनल बैंक कोचस, करगहर एवं नोखा से जुड़े मामले हेतु जेएम तन्वी सिंघल एवं अधिवक्ता बिनोद शर्मा ने निपटाये 135 मामले का निष्पादन किया गया।