
सासाराम (रोहतास) करगहर थाना क्षेत्र के पहाड़ी गांव में 26 साल पुर्व हुए हत्या से जुड़े एक मामले में मंगलवार को सजा के बिंदू पर सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश 19 के न्यायालय ने मामले में दोषी पाए तीन अभियुक्तों को पचास पचास हजार रुपए अर्थदंड सहित सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि पीड़ित परिवार को देने का भी आदेश जारी किया गया है। वहीं कोर्ट ने मामले के अन्य 10 आरोपियों को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में रिहा करने का आदेश जारी किया है। कोर्ट ने इस मामले में विश्वनाथ सिंह, हनुमान सिंह एवं राजू सिंह तीनों निवासी करूप, करगहर को उक्त सजा सुनाई है। उक्त मामले की प्राथमिकी 26 साल पूर्व मामले के सूचक शंकर दयाल सिंह निवासी करूप, करगहर ने करगहर थाना कांड संख्या 35/ 1997 ने दर्ज कराई थी।मामले का ट्रायल उक्त कोर्ट में सत्र वाद संख्या 576/1997 में चल रहा था। मामले में अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता अपर लोक अभियोजक राजकिशोर विश्वकर्मा ने बताया कि उक्त घटना 26 साल पूर्व करगहर थाना क्षेत्र के पहाड़ी गांव में घटी थी। जहां घटना तिथि 7 मार्च 1997 को दिन में 2:00 बजे उक्त तीनों अभियुक्तो द्वारा पुरानी रंजिश को लेकर पहाड़ी गांव में महाशिवरात्रि के दिन मेला देखने आए सूचक के बड़े पुत्र सत्येंद्र कुमार सिंह के सीने में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अभियोजन पक्ष के तरफ से इस मामले में कुल 9 गवाहों की गवाही दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों को हत्या मामले में दोषी पाते हुए उक्त सजा सुनाई है।