
डिजिटल टीम, तिलौथू (रोहतास)। स्थानीय सरस्वती विद्या मंदिर तिलौथू में भू-दाता मधुर सिंहा की जयंती वंदना सभा पर मनाई गई। इस अवसर पर स्थानीय तिलौथू हाउस से भू दाता की धर्मपत्नी एवं विद्यालय की प्रबंधकारिणी समिति की संरक्षिका श्री ममता सिंहा, विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के सचिव श्री लाल बिहारी , भू-दाता के सुपुत्र श्री मोहित सिंहा, उनकी भाभी श्रीमती अल्पना सिंहा एवं अग्रज श्री यशवीर सिंहा एवं उनके अन्य भाई-बहन भी उपस्थित हुये। विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री धनंजय शर्मा ने उपस्थित परिवारों को अंग वस्त्र भेंट कर स्वागत एवं सम्मान किया।
अपने सारगर्भित भाषण में कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित श्री मोहित सिंहा ने कहा कि शिक्षा एवं समता का समन्वय का प्रतिफल होता है, समाज को जागरूक करना तथा उनकी समस्याओं को समाधान करना ।उन्होंने कहा कि शिक्षक एवं छात्रों दोनों का शिक्षित होने का अर्थ है और उनका कर्तव्य बनता है कि समाज के समस्याओं को वह निवारण करें।इस क्षेत्र में श्री मधुर बिहारी सिन्हा अग्रणी हुआ करते थे समाज के किसी भी समस्याओं में वे बढ़-चढ़कर के हिस्सा लिया करते थे। विद्यालय के कक्षा दसवीं के भैया अंबर कुमार ने माधुर सिंहा जी के जीवनी पर प्रकाश डाला और कहा की वे ऐसे व्यक्तित्व के धनी थे उनके बारे में जितनी भी बातें कहीं जाए वह कम होगी।
विद्यालय के आचार्य श्री रविंद्र प्रसाद ने कार्यक्रम की पृष्ठभूमि रखते हुए कहा कि उनके व्यक्तित्व के बारे में कहा जा सकता है कि “आए थे हमारे बीच मेहमान बनकर, लेकिन चले गए भगवान बनकर” उनकी यशकृति आज हम सबों के बीच सरस्वती विद्या मंदिर के रूप में उपस्थित है। विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री धनंजय शर्मा ने अपने आभार ज्ञापन के संदर्भ में कहा की इन परिवारों की विद्यालय के प्रति प्रेम ही बरबस उपस्थित होने के लिए इन कार्यक्रमों में बाध्य कर देता है और हमें खुशी हो रही है कि वे इस समय उपस्थित है। अध्यक्षीय आशीर्वचन के रूप में श्री यशवीर सिंहा जी ने भोजपुरी में अपने विचारों को रखते हुए बच्चों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया और मनोरंजन कराया इस अवसर पर पूर्व प्रधानाचार्य श्री जंगलेश प्रसाद चौरसिया की भी गरिमामय उपस्थिति रही ।संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के उपप्रधानाचार्य श्री सर्वेश चंद्र मिश्र ने किया तथा हर्षोल्लास भैया बहनों एवं आचार्य की उपस्थिति में जयंती संपन्न हुई।