पटना। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सत्ता का आनंद लेने के लिए लालू प्रसाद यादव की गोद में बैठे हैं।
मुजफ्फरपुर के पताही हवाईअड्डा मैदान में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि वह बिहार को ‘जंगलराज’ और ‘पलटू राम’ से मुक्त कराना चाहते हैं।
शाह ने कहा, “यह खुदी राम बोस, जुब्बा सहनी और पंडित शाहदेव की धरती है और मैं उनका सम्मान करना चाहता हूं और छठी मैया से प्रार्थना करता हूं कि 2025 में बिहार को जंगलराज और पलटू राम से मुक्त कराएं।”
उन्होंने कहा कि जब लोगों ने लालू प्रसाद यादव की पार्टी और पलटू राम को वोट दिया है तो बिहार में जंगलराज आना तय है।
शाह ने कहा, ”जब आपने पलटू राम को वोट दिया तो वह प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे थे। उन्होंने जनादेश के साथ धोखा किया है। उन्होंने छह से अधिक बार ऐसा किया है।”
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अपने लिए इंडिया गठबंधन में संयोजक का पद चाहते थे, लेकिन दूसरों को यह पसंद नहीं था। शाह ने कहा, “वह उस गठबंधन से निकलेे जाने का इंतज़ार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई रास्ता नहीं मिल रहा है। लोगों ने खुद को जंगलराज से बचाने के लिए एनडीए को वोट दिया था, लेकिन नीतीश कुमार ने अपने राजनीतिक हित के लिए गठबंधन तोड़ दिया।”
शाह ने कहा, ”मैं बिहार के लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या उन्हें 2जी घोटालेबाज चाहिए या 5जी सेवाएं देने वाला व्यक्ति चाहिए।”
उन्होंने कहा कि जाति आधारित सर्वेक्षण एक दिखावा है। बिहार में केवल मुसलमानों और यादवों की बढ़ी हुई आबादी दिखाने और ईबीसी के अधिकारों को मारने के लिए ऐसा किया गया।
शाह ने कहा, “लालू और नीतीश को बिहार के 2025 विधानसभा चुनाव के लिए सीएम चेहरे के रूप में ईबीसी उम्मीदवार की घोषणा करनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि जाति आधारित सर्वेक्षण के माध्यम से इन लोगों ने खुद को ईबीसी के शुभचिंतक के रूप में पेश किया, लेकिन मूल रूप से उन्होंने उन्हें धोखा दिया और गुमराह किया है।
शाह ने कहा, “जाति आधारित सर्वेक्षण का निर्णय उस समय लिया गया था, जब भाजपा सत्ता में थी, लेकिन जब परिणाम आया, तो उन्होंने मुस्लिमों और यादवों की संख्या बढ़ी हुई दिखाने और ईबीसी का आंकड़ा कम दिखाने की साजिश रची। यह ईबीसी के साथ अन्याय है।”
उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस ने हमेशा पिछड़ी जाति के लोगों का विरोध किया और उनका बहिष्कार किया, जबकि मोदी ने उन्हें सम्मान दिया है।
शाह ने कहा, “मोदी सरकार में 35 मंत्री हैं और उनमें से 27 ओबीसी से हैं। उन्होंने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया है, लेकिन जब लालू प्रसाद और कांग्रेस देश की सत्ता में थे तो उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया।”
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय और सैन्य विद्यालय में प्रवेश में पिछड़े वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण दिया है और ईबीसी छात्रों के लिए कोई शुल्क नहीं है।
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने पिछड़ी जाति के लोगों को पेट्रोल पंपों, गैस एजेंसियों में 27 प्रतिशत आरक्षण और 10वीं कक्षा से पहले और उसके बाद के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति दी है।”
उन्होंने कहा कि हाल ही में नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन हुआ था और दुनियाभर के नेता मोदी का सम्मान करते हैं।
शाह ने कहा, “उन्होंने आतंकवाद को खत्म किया और जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाया। अनुच्छेद 370 हटाने के दौरान लालू प्रसाद ने कहा था कि देश में खून की नदी बह जाएगी और मैंने उनसे कहा था कि कोई भी कश्मीर में पत्थर फेंकने की हिम्मत नहीं करेगा।”