नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) सरकार ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि 2017-21 के दौरान सिविल सेवा परीक्षा (मुख्य) के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा अनुशंसित कुल उम्मीदवारों में से 63 प्रतिशत उम्मीदवारों के पास इंजीनियरिंग की डिग्री थी। कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक सवाल के लिखित जवाब में उच्च सदन को यह जानकारी दी। उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा (मुख्य) के लिए अनुशंसित कुल उम्मीदवारों के संबंध में आंकड़े पेश किए। इन आंकड़ों के अनुसार, अनुशंसित उम्मीदवारों के डेटा से पता चलता है कि इस अवधि के दौरान कुल 4,371 उम्मीदवारों में से 2,783 इंजीनियरिंग विषय से संबद्ध थे।
इसके साथ ही 1,033 उम्मीदवार मानविकी पृष्ठभूमि के थे, जबकि 315 विज्ञान से और 240 मेडिकल स्नातक थे। मंत्री की ओर से पेश आंकड़ों से पता चलता है कि 2017-21 के दौरान 3,265 पुरुष उम्मीदवारों (74.6 प्रतिशत) और 1,106 महिला उम्मीदवारों (लगभग 25.4 प्रतिशत) ने परीक्षा में सफलता हासिल की।
यूपीएससी द्वारा अनुशंसित उम्मीदवारों ने अपनी परीक्षा असमिया, बांग्ला, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु, उर्दू, अंग्रेजी, डोगरी और मैथिली माध्यम से दी।
आंकड़ों के अनुसार, मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषयों में राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध, समाजशास्त्र, मानव विज्ञान और भूगोल पसंदीदा विषय थे।