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Reading: प्राइवेट स्कूलों में इस तरह चलता है किताबों और ड्रेस को लेकर कमीशनखोरी का गोरखधंधा
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क्षेत्रीयसमाचार

प्राइवेट स्कूलों में इस तरह चलता है किताबों और ड्रेस को लेकर कमीशनखोरी का गोरखधंधा

GOVINDA MISHRA
Last updated: 2025/04/14 at 3:45 PM
GOVINDA MISHRA  - Founder Published February 13, 2024
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डिजिटल टीम, डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)। रोहतास जिले के निजी विद्यालयों में नए सत्र के शुरू होने के साथ ही कमीशन को लेकर सेटिंग गेटिंग शुरू हो गई। इसके लिए किताब प्रकाशक के प्रतिनिधि के अलावा स्कूल ड्रेस विक्रेता स्कूलों का चक्कर लगा रहे हैं। अभिभावकों के इस तरह के दोहन से स्कूल संचालकों को कोई लेना देना नहीं है। निजी विद्यालय अभिभावकों के आर्थिक दोहन का स्थान बन चुके हैं। प्रकाशन कार्य से जुड़े एक कर्मी का कहना है कि मेरठ और पटना के अलावा नई दिल्ली से प्रकाशित किताबों के प्रकाशक 50 से साठ फीसदी तक कमीशन किताबों की खरीद पर स्कूल प्रबंधन को देते हैं। अनुमान है कि 300 छात्रों के निजी स्कूल में 8 से दस लाख रुपय तक का कमीशन स्कूलों को आराम से मिल जाता है। इसके अलावा स्कूल ड्रेस, डायरी पर भी बड़े पैमाने पर कमीशन मिलता है। इस तरह हर साल आर्थिक दोहन का शिकार स्कूल अभिभावकों का करते हैं। हालांकी निजी औऱ मान्यता प्राप्त स्कूलों को एनसीईआरटी के किताबों को छात्रों के सिलेबस में शामिल करने के लिए प्राथमिकता देने को कहा जाता है। इसके अलावा स्कूलों के उपर तय वेतनमान से काफी कम शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मी को देने की बात भी सामने आती है। इस तरह के मामले में अभिभावक, शिक्षक औऱ अन्य कर्मी भी चुप्पी साधे रहते हैं।

 

GOVINDA MISHRA

Proud IIMCIAN. Exploring World through Opinions, News & Views. Interested in Politics, International Relation & Diplomacy.

TAGGED: COMMISSION, private school, rohtas news
GOVINDA MISHRA April 14, 2025 February 13, 2024
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