
डिजिटल टीम, डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)। रोहतास जिले से बीजेपी के दिग्गज नेता सुशील मोदी का काफी जुड़ाव था। बीजेपी नेता औऱ स्थानीय पत्रकार बताते हैं कि वे लगातार लालू के आतंकराज की खिलाफत करते रहे। इसके अलावा नक्सलवादियों को सामने से चुनौती देने में किसी भी तरह की कसर नहीं छोड़ी। साल 2002 में कैमूर पहाड़ी के रोहतासगढ़ किले के समीप स्थित रेहल गांव में डीएफओ संजय सिंह की हत्या हो गई थी। लाल झंडा वहां लहराता था। बीजेपी के दिग्गज नेता वहां पहुंचे और नक्सलियों को खुलेआम चेतावनी भी दी। विकास संबंधित मामले में भी वो काफी सजग रहते थे। स्थानीय पत्रकार उपेंद्र मिश्र बताते हैं कि विद्यार्थी परिषद से जुड़े होने के कारण साल 1977 से उनका संबंध था। नेता प्रतिपक्ष और उप मुख्यमंत्री रहने के दौरान रोहतास उद्योग के रिवावल ,नक्सल उन्मूलन ,रोहतास किला ,तुतला भवानी में पर्यटन को बढ़ाव देने समेत अन्य विकास की चर्चा होती थी। 2002 में कैमूर पहाड़ी के रेहल में डीएफओ संजय सिंह की हत्या नक्सलियों ने कर दी।उनका फोन आया रेहल चलना है ।प्रशासन ने उनको वहा जाने को रोकने का काफी प्रयास किया ।निर्णय तो निर्णय है ।वे रात को बंजारी में रात्रि विश्राम किए ।सुबह भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्तायो और पत्रकारों के साथ गए थे । जब वे 2005 में उप मुख्यमंत्री बने। उन्होंने 219 एकड़ में डालमियानगर में बंद पड़ा रोहतास उद्योग समूह लिक्यिडेशन में चला गया था ।लेकिन उसके नीलामी की प्रक्रिया प्रारंभ नही हुई थी । उन्होंने महाधिवक्ता को उसी वक्त बुलाकर कानूनी तरीके से इस पर तत्काल कारवाई करने का कही ।उस वक्त केंद्र में यूपीए दो की सरकार थी ।2014 में एनडीए प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा चुनाव लडने आए ।उन्हे रोहतास उद्योग को अपने एजेंडे में शामिल करने का सुझाव पर वे सहमत हुए । बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजेश्वर प्रसाद बताते हैं कि लालू राज मे नौहट्टा में पुलिसकर्मी विजय टूड्डू की हत्या के मामले में फंसा दिया गया था। इस मामले में वो साथ खड़े थे। न्याय की लड़ाई लड़ी। वो व्यक्तिगत तौर पर कार्यकर्ताओं को जानते थे। संपर्क में रहते थे।