
विक्रमशिला में खुलेगी तीसरी सेंट्रल यूनिवर्सिटी
– बिहार में भी पहली फ़िल्म नीति, चार करोड़ तक का मिलेगा अनुदान
डिजिटल टीम, पटना/डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)। पंचायतों में अब 15 लाख रुपए से कम की योजनाओं का भी टेंडर होगा। पंचायतों में राशि की बंदरबांट रोकने के लिए सरकार ने पंचायत निर्माण कार्य नियमावली स्वीकृत की है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। बैठक में कुल 27 प्रस्ताव स्वीकृत किये गए। बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि नियमावली में यह प्राविधान किये गए हैं कि अब मुखिया और पंचायत सचिवों की मनमानी नहीं चलेगी। छोटे कार्यो के भी ठीकेदारों का पैनल बनेगा। बिड होगी और बिड में चयनित व्यक्ति को कार्य दिया जाएगा। इसके साथ ही राज्य के सभी 38 जिला में जिला परिषद की जमीन को लीज पर देने के लिए नीति बना दी गई है। 30 से 50 साल यानी लांग टर्म नीति के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। कृषि भूमि की भी लीज बाजार मूल्य पर देनी होगी जो अधिकतम पांच सालों के लिए होगी।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि गया और मोतिहारी के बाद अब भागलपुर के विक्रमशिला में राज्य के तीसरे केंद्रीय विश्वविद्यालय खुलना का रास्ता साफ हो गया। 205 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने के लिए 87.99करोड़ रुपये की मंजूरी मंत्रिमंडल ने दी। राज्य मंत्रिमंडल ने बिहार फ़िल्म प्रोत्साहन नीति 2024 भी स्वीकृत की है। इसके तहत बिहार में शूटिंग करने पर चार करोड़ रुपए तक का अनुदान सरकार देगी। गया, बोधगया और नवादा की तर्ज पर डेहरी, औरंगाबाद और सासाराम शहर को सोन नदी से पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 1347.32 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है।
राज्य के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को मिले सरकारी भवनों के नवीकरण की दो वर्ष की बाध्यता मंत्रिमंडल ने समाप्त कर दी है। जब तक पार्टी की मान्यता रहेगी भवन उनके पास रहेगा। कैबिनेट के फैसले के तहत बीऐच सीरीज की गाड़ियों का एकमुश्त 14 वर्षों के लिए निबंधन होगा। शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट केलिए सरकार ने एक नई योजना मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना की मंजूरी दी है।।इनके तहत, सड़क, नाली, गलयी, पार्किंग समेत सभी तरह की नागरिक जरूरतें तेजी से विकसित होंगी। प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता वाली जिला कमेटी कार्यो की प्राथमिकता तय करेगी।