दोस्त को ट्रेन पकड़ने निकलना था और दिल्ली की बाऱिश थमने का नाम नहीं ले रही थी। ओला, उबर ने भी सर्विस देने से इनकार कर दिया। जैसे तैसे एक ऑटो लेकर वो घर पर पहुंचे। आपको हर विषम परिस्थिति के लिए जीवन में तैयार रहना चाहिए। ट्रेन खुलने में दो घंटे से ज्यादा वक्त था। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की दूरी करीब 15 किलोमीटर दिख रही थी। साकेत और मालवीय नगर के रास्ते में भयंकर जाम और सड़क पर भरा पानी परेशानी बढ़ा रहा था। पूरे रास्ते में इसी तरह की स्थिति देखने को मिली। बारिश देश के राजधानी के सफाई व्यवस्था की पोल खोल देता है। देश की राजधानी ही नहीं छोटे, बड़े हर शहर, महानगर में इसी तरह की परिस्थिति देखने को मिलती है। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश में रहने वाले दोस्त इन सब बातों पर हमेशा ताना कसते रहते हैं। उनकी शिकायतों की लिस्ट लंबी रहती है। जिसमें अपराध, करप्शन और सरकारी लेटलतीफी जैसी बातें शामिल रहती है। कुछ दिन के लिए वापस लौटने पर उबड़ खाबड़ और टूटे सड़क मानसिक तौर पर इन मित्रों को विचलित करते हैं। 10 किलोमीटर तक जैसे तैसे हम पहुंचे और उसके बाद रेड लाइट ग्रीन भी होती तो गाड़ियां आगे नहीं बढ़ रही थी। हमारे तेजतर्रार मित्र जल्दी बाहर निकलते हैं और सड़क की दूसरी ओर जाकर दूसरा ऑटो पकड़ लेते हैं। रेलवे स्टेशन जाने वाले रास्ता बंद होने पर समझदार ऑटो वाले ने अजमेरी गेट साइट के एक गेट पर छोड़ दिया। ट्रेन खुलने में 20 मिनट का वक्त बचा था। प्लेटफॉर्म पर पहुंचने के बाद हमारे इस मित्र ने राहत की सांस ली। महानगर का जीवन आपाधापी वाला रहता है। बारिश न होने के कारण कई लोगों को परेशानी होती है। तो पानी ने कई इलाकों की हालत भी बिगाड़ने की ठान ली। स्टेशन से शेयर्ड ऑटो में वापस लौटने के दौरान केजरीवाल पर ताना कसते एक शख्स ताना कसते मिले। अब इसके लिए कौन जिम्मेदार है वो भगवान जाने। प्रकृति, नगर निगम, नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल। फिलहाल बारिश को लेकर देश की राजधानी दिल्ली में अलर्ट है। आप भी सतर्क रहे और सुरक्षित रहें।
-गोविंदा मिश्रा, संपादक,
केबी न्यूज