
करगहर (रोहतास) घोर अंधविश्वास जीवन में तरक्की जिन प्रेत भूत बाधा से मुक्ति तथा नौकरी दिलाने के नाम पर झूठी कथा कहानी कह कर रुपए पैसों की लालच देकर ईसाई धर्म प्रचारकों के द्वारा भोले-भाले एवं सीधा सादा ग्रामीण जनता का ब्रेनवाश किया जा रहा था साथ ही साथ जाति एवं धर्म बदलने की भी सूचना प्राप्त हुई है। इसका खुलासा प्रखंड विकास पदाधिकारी और बाल विकास परियोजना पदाधिकारी नेकी खुलासा करने के बाद दोनों अधिकारियों ने मामले की गहराई से जांच की और तथ्य सामने उभर कर चले आए मामला शाहमल खैरा ग्राम में स्थित आंगनबाड़ी की है। वाकई में चौका देने वाली मामला है शाहमल खैरा गांव में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 116 की है जहां इसाई मशीनरी के पास्टर द्वारा प्रभु युसूफ के जीवनी पर आधारित वीडियो गीत संगीत के माध्यम से तथा ईसाई धर्म से संबंधित पुस्तकें वितरित की जा रही थी। एक पास्टर ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि प्रभु यीशु का प्रार्थना कर सरल तरीके से सत्य जीवन उन्नति के मार्ग पर पहुंचाने हेतु तथा जोर-जोर से चिल्लाकर भूत प्रेत को उसके द्वारा बाहर निकालने का झांसा देकर दावा देकर बैठे शैतान को निकालने की बात हो रही थी। कई गांवों में आयोजित प्रार्थना सभा में चयनित व्यक्तियों को परमेश्वर की शरण में ले जाने के लिए कोचस ब्लॉक के सामने एक मैरिज हाल में बाहर से बुलाए गए पोस्टरों की उपस्थिति में उनका ब्रेनवाश कर धर्मांतरण के लिए तैयार कर लिया जाता है और फिर उनकी मर्जी से कैमूर पहाड़ी स्थित धर्मान्तरित एक गांव के समीप पानी के कुंड़ या नदी में स्नान करा बत्तीस्मा का रस्म पुरा कराया जाता है । इस दौरान उन्हें आलोलोईया ——– जैसे मंत्रोच्चारण कर उन्हें धर्मांतरित कर बाइबल की पुस्तक दे दी जाती है।
धर्मांतरण किए कई युवकों ने बताया कि हम सभी धर्मांतरण के लिए प्रार्थना सभा करते रहेंगे। शैतानी और रुहानी आत्माओं द्वारा सताए लोग अगर प्रभु के प्रचार करेंगे तो मुक्ति मिलेगी। एक पास्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कई साल पहले वह हिंदू धर्म से ईसाई धर्म में शामिल हो गया तो उसका जीवन उस समय बदल गया जब वह 10 साल तक बिस्तर पर पड़ी ब्लड कैंसर से पीड़ित पत्नी को बाइबल पढ़ने के बाद उठकर चलने लगी। उसने बताया कि इस चमत्कार ने उन्हें ईसाई बना दिया उसने गंभीर रोगों से चंगा करने का दावा किया। बीडीओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि खैरा के ग्रामीणों से उन्हें शिकायत प्राप्त हुई थी । जिसके आलोक में आंगनबाड़ी केंद्र की जांच की गई। प्रार्थना सभा का आयोजन किया जा रहा था।
बाल विकास परियोजना पदाधिकारी रूबी कुमारी ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 116 जो सेविका मीना देवी पति गुरदयाल राम के मकान में किराए पर आंगनवाड़ी केंद्र संचालित किया जा रहा था। केंद्र में ईसाई धर्म मिशनरियों द्वारा प्रार्थना सभा का आयोजन किया जा रहा था को तत्काल प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट करने का आदेश दिया गया और सेविका से स्पष्टीकरण मांगी गई है।
कई ग्रामीणों ने बताया कि ईसाई द्वारा क्षेत्र के शाहमल खैरा , खुड़हुरिया, बसडीहां, डिभियां, कोचस सहित दर्जनों गांवों के सैकड़ों परिवार हिंदू धर्म से ईसाई धर्म स्वीकार कर ली है। सूत्रों ने बताया कि धर्मान्तरित हुए गुरुदयाल राम, मीना देवी, आनंद कुमार, अंजू कुमारी, वकील राम, प्रयाग लाल राम, लाली देवी, रामजी पास्टर, विशाल कुमार, दुकमरिया देवी, राजबली राम, मोहन राम, सोहन राम, प्रकाश राम, रवि कुमार, रोगी राम, प्रयाग राम, सुमन राम, किशोरी राम, रमता कुमार, कामता प्रसाद, ललिता, आलोक कुमार, राजकुमार मास्टर लोगों द्वारा अब प्रचार प्रसार का कार्य किया जा रहा था।