
* जातीय जन गणना मे शिया जाति के लिए अलग कोड निर्धारित किया जाए — शाकिर इमाम
तिलौथू (रोहतास)सोमवार के प्रखंड अंतर्गत सरैया गांव में शिया जाति के लोगो की एक वृहद बैठक अंजुमन हैदरी सरैया (रजिस्टर्ड) के तत्वधान में शिया जामा मस्जिद, सरैया मे आयोजित हुई। जिसमे शिया जाति को भी जातीय आधारित जनगणना में शामिल करने एवं इस जाति के लोगो के लिए भी अलग कोड जारी करने की मांग की गई। बैठक की अध्यक्षता मौलाना शाबान अली ने तो संचालन सैयद शाकिर इमाम ने किया। बैठक को संबोधित करते हुए सैयद शाकिर इमाम ने कहा के बिहार सरकार ने देश में पहली बार जातीय आधारित जनगणना कराने का निर्णय लिया है जो की एक सराहनीय कदम है। जिसके तहत आगामी 15 अप्रैल से जातीय जनगणना का कार्य प्रारंभ हो जाएगा । लेकिन बहुत ही अफसोस की बात है कि इस जातीय जनगणना के लिए जारी जातिवार कोड में मुस्लिम समाज की एक बड़ी आबादी जो कि शिया जाति के नाम से जानी जाती है उसके लिए कोई कोड जारी नहीं किया गया है । जिससे पूरा शिया समाज अपने आप को इस जातीय जनगणना से वंचित और उपेक्षित समझ रहा है और इसको लेकर बिहार के समस्त शिया समाज के लोगो मे अपनी पहचान खोने का डर सता रहा है और लोगो मे आक्रोश व्याप्त है। बैठक को संबोधित करते हुए मौलाना शाबान अली साहब और मौलाना वफा हैदर साहब ने कहा की बिहार सरकार के कथनानुसार इसी जातीय जनगणना के आधार पर भविष्य में लोकहित के और सामाजिक उत्थान के अनेकों कार्यक्रम बनाए जाने हैं और समाज में उनकी आबादी के अनुपात में हर जाति को उनका वाजिब अधिकार भी दिया जाना है ऐसी स्थिति मे हमारी शिया जाति की उपेक्षा से भविष्य में अल्पसंख्यकों को सरकार के द्वारा दिये जाने वाले सभी लाभ से पूरी शिया जाति वंचित हो जाएगी। और बिहार मे शिया जाति की सही गणना भी नही हो पायेगी। बैठक के अंत मे अंजुमन हैदरी के अध्यक्ष अली अहमद और सचिव मोहम्मद अली और कांग्रेस नेत सैयद एहसान अहमद ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं की शिया जाति के लोग सैयद जाति के लिए जारी कोड 193 के अंतर्गत आयेंगे, लेकिन ज्ञात हो की सैयद जाति के अंतर्गत सुन्नी सैयद और शिया सैयद दोनों तो आ जायेंगे लेकिन शिया जाति के अंतर्गत बहुत सारे अंसारी, शेख और अन्य दूसरी उपजाति के लोग भी आते हैं इसलिए ऐसी स्थिति मे शिया जाति की सही गणना होना मुश्किल ही नही बल्कि नामुमकिन है इसलिए शिया जाति के लिए अविलंब एक अलग कोड जारी करने की आवश्यकता है। बैठक मे फ़िरोज़ हुसैन, एहसान अहमद, ,सैयद शाहनवाज़, तौफीक हुसैन, बाकर रजा, कमर अब्बास,कायम रजा ,नासिर इमाम,ग़ज़नफर अली, मेहदी हसन, फैयाज हुसैन, राहिब अली, आदिल हुसैन, अरशद हुसैन, मेहदी इमाम, अंसार हुसैन सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।