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संवाददाता, डालमियानगर।
शहर के विभिन्न स्थानों पर क्रिसमस डे के अवसर पर ईसा मसीह को याद किया गया तथा कार्यक्रम का आयोजन छात्र-छात्राओं के द्वारा करते हुए टाफ़ी और मिठाइयां बांटी गई. डालमियानगर चर्च में शंकर पास्टर के द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें स्थानीय लोग महिलाएं एवं बच्चों ने भाग लेते हुए ईसा मसीह के द्वारा किए गए कार्यों का वर्णन किए मौके पर उपस्थित चर्च के फादर शंकर पास्टर ने अपने संबोधन में कहा कि दुआओं और प्रथाओं के लिए ईसा मसीह को याद करने से सारी बधाइयां दूर हो जाती है. संस्कृति कार्यक्रम में उपस्थित मिशनरी ने अपने कार्यक्रम में बताया कि “मत डालो क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनंद का समाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिए होगा” वही मौके पर उपस्थित मुख्य अतिथि डॉक्टर विशेष कुमार ने अपने संबोधन में बताया कि
क्रिसमस डे के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की गई जिसमें छात्र व छात्राओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। उन्होंने छात्र व छात्राओं को संबोधित करते हुए ईशा मसीह के बारे में बताया।
क्रिश्चियन समुदाय के लोग हर साल 25 दिसंबर के दिन क्रिसमस का त्योहार मनाते हैं। यह ईसाइयों का सबसे बड़ा त्योहार है। इसी दिन प्रभु ईसा मसीह या जीसस क्राइस्ट का जन्म हुआ था इसलिए इसे बड़ा दिन भी कहते हैं।
क्रिसमस के कुछ दिन पहले से ही चर्च में विभिन्न कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं जो न्यू ईयर तक चलते रहते हैं। मसीह गीतों की अंताक्षरी खेली जाती है, विभिन्न प्रकार के गेम्स खेले जाते है, प्रार्थनाएं की जाती हैं आदि। इ र्साई समुदाय के लोगों द्वारा अपने घरों की सफाई की जाती है, नए कपड़े खरीदे जाते हैं एवं विभिन्न प्रकार के व्यंजन भी बनाए जाते हैं। क्रिसमस दे के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय लोगों के अलावा महिलाएं , छात्र व छात्राओं ने हर्षोल्लास के साथ भाग लिया।कार्यक्रम को सफल बनाने में स्थानीय लोगों एवं बच्चों ने अहम भूमिका निभाया। मौके पर वार्ड पार्षद रितेश कुमार मिथिलेश शर्मा विनोद पास्टर के अलावा अन्य लोग उपस्थित थे.
वही डेहरी मैं न्यू डिलिया स्थित चर्च मैं फादर सामवेलजॉन्सन ने दुआ एवं प्रार्थना की इन्होंने अपने संबोधन ने बताया कि सन 1963 में दुआ और प्रार्थना के मकसद से इस चर्च किया स्थापना की गई थी तभी से यहां पर प्रत्येक वर्ष 25 दिसंबर को धूमधाम से क्रिसमस डे मनाया जाता है प्रभु यीशु को याद कर इनके जन्म की झांकी भी निकाली जाती है प्रभु यीशु इस जगत के पापों से मुक्त करने के लिए संसार में आए थे। इस अवसर पर बच्चों के बीच गिफ्ट एवं मिठाईयां तथा टॉफी बाकी गई.
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